Dussehra Festival in hindi

दशहरा क्यों मनाया जाता है ? Dussehra Festival in hindi

दशहरा (Dussehra) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह हिन्दुओ में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार को पूरे देश में लोगों के द्वारा बड़े ही उत्साह,प्रेम व धूम धाम के साथ दशहरा त्यौहार को मनाया जाता है। यह सभी लोगो  के लिए खुशी मनाने का समय होता है। छात्रों को इस त्योहार का आनंद लेने के लिए अपने स्कूलों में छुट्टियां मिलती हैं। दशहरा का त्यौहार दिवाली से दो या हफ्ते पहले आता है इस त्योहार का सभी लोग बच्चे,जवान,बूढ़े खास कर के बच्चो को इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा क्यों मनाया जाता  हैं। 

दशहरा पर्व की कहानी  क्या है, क्यों मनाया जाता है? (Dussehra Festival Story)

दशहरा (Dussehra) या विजयदशमी व आयुध-पूजा हिन्दुओं द्वारा मनाये जाने वाला  एक प्रमुख त्योहार है दशहरा विजयदशमी का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त राक्षश महिषासुर का वध करके उस पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में भी मनाया जाता है। इसीलिए अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी या दशहरा के नाम से जाना जाता है। तथा दशहरा का अर्थ बुराई पर अच्छाई की जीत है. भारत देश में दशहरा का त्योहार बड़े ही धूम धाम और बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है इन दिनों मेला लगता है जहा सभी लोग जाते है वह घूमते फिरते है झूला झूलते है तथा विभिन विभिन प्रकार के मिठाइओ और वयंजनो का लुफ्त उठाते है साथ की मेले में रामलीला का नाटक देखते है किस प्रकार भगवन राम ने राक्षश राज रावण का वध कर के माता सीता को वापस लेकर आये थे।  दूसरे पौराणिक कथा के अनुसार माता दुर्गा ने कैसे युद्ध के उपरांत राक्षश महिषासुर का वध करके लोगो को और देवताओ को राक्षश महिषासुर से मुक्ति दिलाई थी इस लिए इस त्यौहार को विजयदश्मी भी कहते है इस प्रकार हम देखते है दोनों ही कथाओ के अनुसार बुराई पर अच्छाई की जीत तथा असत्य पर सत्य की जीत हुई इसलिए हिन्दू धर्म को मानने बाले लोग इस त्यौहार को बड़े ही उत्साह – धूम धाम से मानते है. 

9 दिनों तक दशहरा क्यों मनाते हैं ?(Dussehra Festival Celebration in India)

पौराणिक कथाओ के अनुसार जब भगवन श्री राम अपने भाई लक्ष्मण और माता सीता अपनो के साथ वनवास का आखरी वर्ष काट रहे थे तब राम और लक्ष्मण जी के पास राक्षस राज रावण की बहन सुर्पनखा विवहा का प्रस्ताव लेकर आती है और तब राम लक्ष्मण उनको मना कर देते है जिससे सूर्पनखा क्रोधित हो कर माता सीता पर झपट पड़ती है गुस्से में आकर लक्ष्मण सूर्पनखा की नाक काट देते है उसके बाद सूर्पनखा अपने भाई रावण के पास जाकर सारि बात बताती हे जिसे रावण गुस्से में आकर भगवन राम की पतनी सीता माता का अपहरण कर लेआते है और उनको अपने देश लंका नगरी में ले जाकर विवहा का प्रस्ताव देते है जिसे सीता माता ठुकरा देती है जब ये घटना भगवन राम को पता लगती है तो वो अपनी वानर सेना के साथ लंका में आक्रमण कर  देते है और वह रावण की सेना को हरा कर माता सीता को वापस लेकर आते है और तब सब मिलकर वापस अपने घर अयोध्या वापस लोट आते है जब इस घटना की जानकारी भगवान राम के राज्ये वासियो को पता चलती है तो वे उनका स्वागत धूम धाम से करते है था ताज पहना कर राजा बनाया जाता है इस प्रकार भक्त लोग इस घटना को नाटकीय रूप में दारसाते है जिसे रामलीला कहा जाता है रामायण का अनुसरण करते हुए भक्त लोग  वे रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण जैसे तीन बड़े राक्षसों के विशाल आकार के पुतले बनाते हैं। फिर उन्हें जलाने के लिए विस्फोटकों भरते है और रामलीला के 10 दिन जला देते है. 

दूसरे पौराणिक कथा के अनुसार दशहरा उत्सव नवरात्रि के दसवें दिन मनाया जाता है इसे दुर्गा पूजा भी कहा जाता है इसमें माता दुर्गा के 9 अलग अलग रूपों की पूजा करि जाती। जहा नवरात्रि के 9 दिन देवी दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा होती है वही 10 दिन देवी दुर्गा की पूजा होती है जिन्हो राक्षस महिषासुर का वध कर के लोगो को उस राक्षस से मुक्ति दिलाई थी. इस 10वें दिन देवी दुर्गा की मूर्ति को नदी या समुन्द्र में विसर्जित किया जाता है। ऐसा मन जाता है की विषर्जन के बाद माता दुर्गा फिर से कैलाश पर्वत लोट जाती है और भगवन शिव के साथ फिर से मिल जाती है भक्त लोग भजन गेट है और दुर्गा माता से आशीर्वाद मांगते है 

दोनों कथाओ के अनुसार दशहरा 9 दिन का मनाया जाता है और 10 दिन समाप्त हो जाता है इस प्रकार दशहरा 9 का होता है

दशहरा 2022 में कब हैं? (Dussehra 2022 Date)

दशहरा इस साल 5 October 2022 शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा।

रावण के पुतले जलाने का क्या महत्व है?

बुराई पर अच्छाई की जीत तथा असत्य पर सत्य की जीत के उपलक्ष्य में रावण के पुतले जलाए जाते हैं। हिन्दू पौराणिक कथाओ और ग्रंथो के अनुसरा भगवन राम ने राक्षश राज रावण का वध किया था दक्षिण भारत के अलग अलग जगह शहरों में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण जैसे तीन बड़े राक्षसों के विशाल आकार के पुतले  जलाकर दशहरा मानते है बुराई पर अच्छे की जीत का प्रतिक और प्रतीकात्मक रूप से दिखाने के लिए रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला जलाया जाता है 

दशहरे का महत्व (Dussehra Festival)

दशहरा  त्योहार (Dussehra Festival) का अपना ही एक महत्व है । महान हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, भगवान राम ने दशहरे के दसवें दिन रावण का वध किया था। इसे पाप या अनैतिकता पर पुण्य की विजय कहा जाता है। 

रामायण के अनुसार रावण ने  भगवन राम की पतनी सीता का अपहरण कर लिया था। रावण एक बहुत ही दुस्ट और पापी शासक के रूप में जाना जाता है और रावण जन्म से ही एक राक्षश था जिसक अनत होना जरुरी था और भगवन राम ने रावण का अंत करके उसको मुक्ति प्रदान कर दी तथा दशहरा के त्यौहार को दुर्गा पूजा के रूप  जाता है भारत  क्षेत्र में पुरे 9 दिनों तक देवी दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा की जाती और और दसवे 10 दिन दशहरा मानते ही क्यूंकि इस दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षश का वध किया था इसलिए भी दशहरा का त्यौहार मानते है  बुराई पर अच्छे की जीत हुई थी, इस दिन लोग नए वस्त्र खरीदते है था आपस में मिठाईया बाटते और खुसी मानते है

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